बिना लक्षणों के हो सकता है फैटी लीवर

बिना लक्षणों के हो सकता है फैटी लीवर

सेहतराग टीम

2018 की तुलना में इस साल गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (NAFLD) के मामलों में वृद्धि हुई है। हालांकि अभी तक कोई निश्चित आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं मगर डॉक्टरों का कहना है कि वे हर महीने कम से कम 10 से 12 नए मामले, विभिन्‍न आयु समूहों में देख रहे हैं। जैसा की नाम से जाहिर है, फैटी लिवर एक ऐसा विकार है जो लिवर में वसा के अत्यधिक निर्माण के कारण होता है, जिससे लिवर को नुकसान होता है।

सभी प्रकार के NAFLD घातक नहीं होते हैं, लेकिन वे अच्‍छे भी नहीं हैं। एक बार पता लगने के बाद, रोगी को यह जानने के लिए आगे के परीक्षणों से गुजरना होता है कि लिवर में निशान है या सूजन है। लिवर में सूजन के लगभग 20% मामलों में सिरोसिस होने का खतरा रहता है। यह एक साइलेंट किलर के रूप में जाना जाता है और हो सकता है कि जबतक स्थिति ब‍िगड़ न जाए तब तक इसके लक्षण भी न दिखें।

हार्ट केयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्‍यक्ष डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, ‘एनएएफएलडी लिवर की कई समस्‍याओं के लिए इस्‍तेमाल किया जाने वाला शब्‍द है जो ऐसे मरीजों के लिए इस्‍तेमाल होता है जो शराब का सेवन नहीं करते या बेहद कम शराब पीते हैं। जैसा कि नाम से पता चलता है, इस स्थिति की मुख्य विशेषता लिवर कोशिकाओं में बहुत अधिक फैट जमा हो जाना है। एक स्वस्थ लिवर में कम या बिल्कुल फैट नहीं होना चाहिए। एनएएफएलडी की मुख्य जटिलता सिरोसिस है, जो लिवर में बाद के चरण में होने वाला फाइब्रोसिस है। ये बहुत ही गंभीर स्थिति होती है।’

डॉ. अग्रवालने कहा, ‘NAFLD वाले लोगों में हृदय रोग विकसित होने की अधिक संभावना है और यह उनमें मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक है। लगभग 10% वजन घटाने से वसायुक्त यकृत और सूजन में सुधार हो सकता है।’

देश में पिछले कुछ समय में हुए अध्‍ययन से ये साबित हुआ है कि दालचीनी अपने एंटीऑक्सिडेंट और इंसुलिन-सेंसिटाइज़र गुणों के कारण लिपिड प्रोफाइल और एनएएफएलडी को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है।

 

कुछ सुझाव

• फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और स्वस्थ वसा से भरपूर पौध आधारित आहार का सेवन करें।

• यदि आप अधिक वजन या मोटापे से ग्रस्त हैं, तो प्रत्येक दिन खाने में कैलोरी की संख्या कम करें और अधिक व्यायाम करें। यदि आपका स्वस्थ वजन है, तो स्वस्थ आहार का चयन करके और व्यायाम करके इसे बनाए रखने के लिए काम करें।

• सप्ताह के अधिकांश दिनों में व्यायाम करें। हर दिन कम से कम 30 मिनट की शारीरिक गतिविधि करने की कोशिश करें।

Disclaimer: sehatraag.com पर दी गई हर जानकारी सिर्फ पाठकों के ज्ञानवर्धन के लिए है। किसी भी बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या के इलाज के लिए कृपया अपने डॉक्टर की सलाह पर ही भरोसा करें। sehatraag.com पर प्रकाशित किसी आलेख के अाधार पर अपना इलाज खुद करने पर किसी भी नुकसान की जिम्मेदारी संबंधित व्यक्ति की ही होगी।